अब तक के सबसे सफल कप्तान सौरव गांगुली जो काम नहीं कर पायें हैं वो काम धोनी ग्वालियर में कर सकते हैं। दादा अपने कप्तानी में पाकिस्तान को वन डे सीरीज में अपनी जमीन हिंदुस्तान पर जीत नहीं दिला पाएं हैं हालांकि वो इकलौते कप्तान हैं जिसने पाकिस्तान में वन डे और टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान को धूल चटाई है। भारत अगर इस वन डे सीरीज में पाकिस्तान को हराने में कामयाब हो जाता है तो ऐसा दूसरी बार होगा, इससे पहले 1983 की विश्व विजेता टीम ने 1983 में ही पाकिस्तान को भारत में 2-0 से हराकर वन डे सीरीज जीती थी। उस समय कपिल देव कप्तान थे इस बार भी हालात कुछ वैसे ही हैं वर्तमान में भारत विश्व चैम्पियन (20-20) है। इस बार कप्तानी टीम के सबसे कामयाब उभरते खिलाडी धोनी के पास है। ऐसी उम्मीद करने में कोई गलती नहीं होगी कि भारत इस बार पाकिस्तान को वन डे सीरीज में हराने में कामयाब होगा। अभी तक के सीरीज में भारत खेल के हर पहलू पर भारी ही पड़ा है। बेशक भारत की गेंदबाजी चिंता का विषय है पर अगर पाकिस्तान इसी तरह खेलता रहा मसलन फील्डिंग और खराब कप्तानी तो भारत को इस सीरीज में जीत से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि पाकिस्तान ग्वालियर में बराबरी करने का कोई मौका नहीं चूकना चाहेगा पर भारत भी यहीं सीरीज का परिणाम तय करने के लिए उतरेगा। भारतीय टीम मैनेजमेंट को श्री संत को आखिरी दो वन डे में मौका देना चाहिए। वैसे तो इन दोनो जीत में स्पिनरों की भूमिका अहम रही है लेकिन श्री संत की कमी खल रही है। अगर खेलजुबान से भी होता है तो श्री संत की कमी और खलेगी और ऐसा हो भी सकता है कानपुर में उसकी शुरुआत हो चुकी है। वैसे तो अफरीदी के माफ़ी के बाद इस बात कि उम्मीद kam ही है लेकिन याद रहे पाकिस्तानी जब हारतें तो वो किसी भी हथकंडे को अपनाने से नहीं चूकते हैं !
Saturday, March 15, 2008
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